कफ दोष क्या है ? जाने- कफ को संतुलित करने के उपाय, कफ दोष के प्रकार कफ के गुण कफ बढ़ने के कारण

कफ दोष क्या है ?

-----------------------
सिद्ध कफ़ नाशक कल्पचुर्ण बारे जाने:- सिद्ध कफ़ कल्पचुर्ण With सिद्ध कफ़ नाशक भस्म | Sidh Ayurvedic http://bit.ly/3rRvkmO
-------------------------

कफ दोष, ‘पृथ्वी’ और ‘जल’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। ‘पृथ्वी’ के कारण कफ दोष में स्थिरता और भारीपन और ‘जल’ के कारण तैलीय और चिकनाई वाले गुण होते हैं। यह दोष शरीर की मजबूती और इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने में सहायक है। कफ दोष का शरीर में मुख्य स्थान पेट और छाती हैं।

कफ शरीर को पोषण देने के अलावा बाकी दोनों दोषों (वात और पित्त) को भी नियंत्रित करता है। इसकी कमी होने पर ये दोनों दोष अपने आप ही बढ़ जाते हैं। इसलिए शरीर में कफ का संतुलित अवस्था में रहना बहुत ज़रूरी है।
--------------------------------

कफ दोष के प्रकार :

शरीर में अलग स्थानों और कार्यों के आधार पर आयुर्वेद में कफ को पांच भागों में बांटा गया है।

⏯️ क्लेदक
⏯️ अवलम्बक
⏯️ बोधक
⏯️ तर्पक
⏯️ श्लेषक

आयुर्वेद में कफ दोष से होने वाले रोगों की संख्या करीब 20 मानी गयी है।
--------------------------

कफ के गुण :

कफ भारी, ठंडा, चिकना, मीठा, स्थिर और चिपचिपा होता है। यही इसके स्वाभाविक गुण हैं। इसके अलावा कफ धीमा और गीला होता है। रंगों की बात करें तो कफ का रंग सफ़ेद और स्वाद मीठा होता है। किसी भी दोष में जो गुण पाए जाते हैं उनका शरीर पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है और उसी से प्रकृति का पता चलता है।
--------------------------

कफ प्रकृति की विशेषताएं :

कफ दोष के गुणों के आधार पर ही कफ प्रकृति के लक्षण नजर आते हैं। हर एक दोष का अपना एक विशिष्ट प्रभाव है। जैसे कि भारीपन के कारण ही कफ प्रकृति वाले लोगों की चाल धीमी होती है। शीतलता गुण के कारण उन्हें भूख, प्यास, गर्मी कम लगती है और पसीना कम निकलता है। कोमलता और चिकनाई के कारण पित्त प्रकृति वाले लोग गोरे और सुन्दर होते हैं। किसी भी काम को शुरू करने में देरी या आलस आना, स्थिरता वाले गुण के कारण होता है।

कफ प्रकृति वाले लोगों का शरीर मांसल और सुडौल होता है। इसके अलावा वीर्य की अधिकता भी कफ प्रकृति वाले लोगों का लक्षण है।

-------------------------------------

कफ बढ़ने के कारण :

मार्च-अप्रैल के महीने में, सुबह के समय, खाना खाने के बाद और छोटे बच्चों में कफ स्वाभाविक रुप से ही बढ़ा हुआ रहता है। इसलिए इन समयों में विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा खानपान, आदतों और स्वभाव की वजह से भी कफ असंतुलित हो जाता है। आइये जानते हैं कि शरीर में कफ दोष बढ़ने के मुख्य कारण क्या हैं।

⏯️ मीठे, खट्टे और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
⏯️ मांस-मछली का अधिक सेवन
⏯️ तिल से बनी चीजें, गन्ना, दूध, नमक का अधिक सेवन
⏯️ फ्रिज का ठंडा पानी पीना
⏯️ आलसी स्वभाव और रोजाना व्यायाम ना करना
⏯️ दूध-दही, घी, तिल-उड़द की खिचड़ी, सिंघाड़ा, नारियल, कद्दू आदि का सेवन



कफ बढ़ जाने के लक्षण :

शरीर में कफ दोष बढ़ जाने पर कुछ ख़ास तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं। आइये कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में जानते हैं।

⏯️ हमेशा सुस्ती रहना, ज्यादा नींद आना
⏯️ शरीर में भारीपन
⏯️ मल-मूत्र और पसीने में चिपचिपापन
⏯️ शरीर में गीलापन महसूस होना
⏯️ शरीर में लेप लगा हुआ महसूस होना
⏯️ आंखों और नाक से अधिक गंदगी का स्राव
⏯️ अंगों में ढीलापन
⏯️ सांस की तकलीफ और खांसी
⏯️ डिप्रेशन
-------------------------------

कफ को संतुलित करने के उपाय :

इसके लिए सबसे पहले उन कारणों को दूर करना होगा जिनकी वजह से शरीर में कफ बढ़ गया है। कफ को संतुलित करने के लिए आपको अपने खानपान और जीवनशैली में ज़रूरी बदलाव करने होंगे। आइये सबसे पहले खानपान से जुड़े बदलावों के बारे में बात करते हैं।

-------------------------------
कफ को संतुलित करने के लिए क्या खाएं :

कफ प्रकृति वाले लोगों को इन चीजों का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।

⏯️ बाजरा, मक्का, गेंहूं, किनोवा ब्राउन राइस ,राई आदि अनाजों का सेवन करें।

⏯️ सब्जियों में पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली, हरी सेम, शिमला मिर्च, मटर, आलू, मूली, चुकंदर आदि का सेवन करें।

⏯️ जैतून के तेल और सरसों के तेल का उपयोग करें।
⏯️ छाछ और पनीर का सेवन करें।
⏯️ तीखे और गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
⏯️ सभी तरह की दालों को अच्छे से पकाकर खाएं।
⏯️ नमक का सेवन कम करें।
⏯️ पुराने शहद का उचित मात्रा में सेवन करें।
---------------------------

कफ प्रकृति वाले लोगों को क्या नहीं खाना चाहिए :

⏯️ मैदे और इससे बनी चीजों का सेवन ना करें।
⏯️ एवोकैड़ो, खीरा, टमाटर, शकरकंद के सेवन से परहेज करें।
⏯️ केला, खजूर, अंजीर, आम, तरबूज के सेवन से परहेज करें।



अगर आप को कफ़ दोष औऱ रोग पुराना है औऱ आप खांसी, जुकाम, बलगम, टी बी, टोंसिल, नाक की हड्डी बढ़ने, कानों की समस्या, साइनस, छीके, थाइरायड औऱ गले के रोगों से परेशान हैं तो सिद्ध कफ़ नाशक कल्पचुर्ण ले। और जानकारी whats पर प्राप्त करे।

सिद्ध कफ़ नाशक कल्पचुर्ण online odar
https://forms.gle/p2jdPwXMJVojynBo8

सिद्ध आयुर्वेदिक आश्रम
Whats 94178 62263

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकता हँ जी