मंदाग्नि के 103 रोग-मंदाग्नि से होते हैं 103 हानिकारक रोग


   
पेट के हाजमे की अग्नि जब मध्म पड़ जाती है तो अनेकों रोगों का शरीर पर हमला होने लग जाता है।


सिद्ध आयुर्वेदिक आप को कर रहा है जागृत मंदाग्नि को दरुस्त करता है
              सिद्ध पाचन कल्पचुर्ण

       मंदाग्नि रोगों की संपूर्ण जानकारी

आयुर्वेद में बताया गया है कि मंदाग्नि (मन्द अगनी) से 103 प्रकार के रोग होते है, जिसमे पहले स्थान पर एसिडिटी और एक सौ तीन स्थान पर कैंसर को रखा गया है।

ये सूची यहाँ देने का प्रयास कर रही हूँ।
1. हाइपर एसिडिटी
2. जल्दी-जल्दी भूख लगना
3. भोजन के 4 घंटे बाद या खाली पेट जलन
4. अत्यधिक प्यास
5. हर समय मुँह सुखना
6. मसूढ़ो में संवेदनशीलता
7. लार का खट्टा होना
8. दाँतो में ढीलापन
9. होठो के किनारे फटना
10. दाँतो में ठंडा गर्म लगना
11. दाँतो का फटना या टुकड़ो में निकलना
12. दाँतो की नसों में दर्द
13. गले या टॉन्सिल का बार बार संक्रमण
14. अम्ल का मुँह में आना
15. अल्सर
16. खट्टी डकार
17. उदर के ऊपरी भाग में दर्द
18. बहुत ज्यादा गर्मी लगना या जलन होना
19. थकान, हाथ पैरो में भारीपन, मानसिक शक्ति का ह्रास
20. शरीर छूने से बुखार की अनुभूति
21. प्रसन्नता व उत्साह की कमी
22. अवसादित होने की प्रवृति
23. बिना कारण घबराहट, व्याकुलता, तेज शोरगुल में चिड़चिड़ाहट
24. अत्यधिक रक्तहीन चेहरा
25. सिरदर्द
26. आसानी से बातो बातो में आँसू आजाना
27. आँखों में सूजन, लाली, दर्द, जलन, गड़न
28. पलको एवं कोर्निया में प्रदाह
29. बालो का घुँघराले होना
30. नाख़ून पतले होना, जल्दी टूट जाना
31. रूखी त्वचा
32. बाल घुँघराले, बेजान, झड़ते
33. शरीर पर पसीने से खुजली
34. पित्ती उछलना
35. पिण्डलियों में बायटे आना, ऐंठन
36. झाईयां
37. कान में दर्द
38. आवाज़ में बदलाव
39. बैचैनी
40. कब्ज
41. ऑस्टियो ऑर्थोरिटिस
42. यूरिक एसिड बढ़ना
43. CRP बढ़ना
44. मासपेशियो में ऐंठन
45. पैर के बाहरी भाग में दर्द
46. अमाशय या अन्न नली में दर्द या घाव
47. बवासीर
48. भगन्दर
49. फिशर
50. गैस्ट्रिक

(वायु बनकर शरीर में घूमने से)

51. पेट में जलन
52. गले में जलन
53. छाती में जलन जैसे heart attack हो
54. सिर दर्द या भारीपन
55. चक्कर
56. कान में घंटियाँ बजना
57. हाई बी पी
58. सिर में भ्रम की स्थिति, समझ न आना
59. बालो का झड़ना
60. बालो का सफ़ेद होना या पकना
61. पीठ दर्द
62. धड़कन बढ़ना
63. पायरिया
64. मुँह में दुर्गन्ध
65. भूख न लगना
66. प्यास न लगना
67. खट्टी / कच्ची डकार
68. मितली होना
69. मल में गंध
70. पेट में भारीपन
71. अफारा
72. शुगर
73. ढीले मसूड़े
74. मसूढ़ो के किनारे सफ़ेद या हरी परत
75. मल थोड़ा पतला, लेकिन मुश्किल से निकले
76. उल्टी होने, करने के बाद हल्का महसूस होना
77. अनिद्रा
78. कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
79. बॉडी का फूल जाना मोटा हो जाना
80. पैरो में चलने पर दर्द
81. मसूढ़ो से खून आना

(कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होने वाले रोग)

82. रक्त वाहिनियों में अवरोध
83. हृदयाघात
84. रक्त वाहिनियों का का संकरा होना
85. धमनियों में थक्के जमना
86. अत्यधिक बलगम
87. साँस लेने में कठिनाई
88. सीने में भारीपन
89. धमनियों में कड़कपन
90. किडनी से जुडी हुई बीमारियाँ
91. मस्तिष्क में ब्लड सप्लाई अवरोध होने से भूलने की समस्या
92. शरीर में जगह जगह गाँठे
93. हर्निया
94. गर्भाशय का स्थान से नीचे लटक जाना
95. हाथ पैर पतले होना
96. आंतरिक या बाहरी रक्त स्त्राव
97. आँखों का कमजोर होना
98. आँखों के सामने कुछ उड़ता प्रतीत होना
99. मुँह में कफ़ ज्यादा आना
100. पसीने में बदबू
101. मल मूत्र ज्यादा होना, मल लेसदार होना
102. हाथ पैरो में फड़कन
103. शरीर में होने वाला कैंसर

103 रोगों को सिद्ध पाचन कल्पचुर्ण जड़ से करता है खत्म

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