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समस्त दर्द, गठिया रोगों, कफ़ रोगों, स्तन रोगों,पेट के रोगों औऱ आंत के रोगो में सदियों से इन्द्रयाण अजवाइन को अमृत माना जाता रहा है।
कैसे तैयार होती हैं इन्द्रयाण अजवाइन इन्द्रयाण फ़ल में अजवाइन को डाल देते है। 5 किलो अजवाइन में 3 किलो इन्द्रयाण 500 ग्राम काला नमक,काली मिर्च समेत 7 और अयूर्वादिक जड़ी बूटियों को मिलाकर कर 60 दिन के लिए रख देते हैं।
5 किलो अजवाइन में 3 किलो इन्द्रयाण 500 ग्राम काला नमक,काली मिर्च
★भूमि आवला 50 ग्राम
★बाकुची 20 ग्राम
★शुद्ध शिलाजी 10 ग्राम
★काली मिर्च 20 ग्राम
★सफ़ेद जीरा 50 ग्राम
★काला जीरा। 50 ग्राम
★कुडू 50 ग्राम
60 दिन में इन्द्रयाण अजवाइन तैयार हो जाती हैं।
इसके बाद आप सिद्ध इंद्रायाण(कोड़तुम्बा) अजवाइन कल्पचुर्ण तैयार कर सकते हैं।
सिद्ध इंद्रायाण(कोड़तुम्बा) अजवाइन कल्पचुर्ण।
32 जड़ी बूटियां से तैयार होता है
सेवन विधि
1.रात को 1चमच्च गर्म पानी से।
2.बच्चों को आधा चम्मच गर्म पानी से दे
3, सर्द ऋतु में 2 बार ले।
4. गर्मी ऋतु में 1 बार ले।
*इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही है।*
*पर गर्भावस्था में यह चुर्ण न ले*
फायदे
गैस, जिदी कब्ज, जलन, भोजन नली की जलन औऱ सूजन, शरीर के समस्त दर्द, पेट दर्द, हाजमे की खराबी, नाभि का खिसकना, खून की कमी, लिवर की खराबी, खून की कमी और बच्चों के पेट के कीड़े , पेट की हर खराबी, पेट की सूजन, बच्चेदानी की सूजन,यूरिक एसिड, गठिया वातदर्द, माइग्रेन ,कमरदर्द, घुटनों के दर्द में कारगर ओषधि है।
महिलाओं की पीरियड की कैसी भी समस्या जैसे टाइम पर ना आना, कम आना, पीड़ादायक होना और रुक जाना सभी समस्याएं को ठीक करता है।
Online मंगवा सकते हैं इन्द्रयाण अजवाइन
Whats 94178 62263
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