★टी. बी. की दवा★ ● क्षय रोग चुर्ण●

सिद्ध अयूर्वादिक
                ★टी. बी. की दवा★
                  ● क्षय रोग चुर्ण●               ★टी.बी के तीन प्रकार हैं★
  फुफ्सीय टी.बी, पेट का टी.बी और हड्डी का टी.बी.
★किसी भी प्रकार की क्षय रोग में रामबाण दवा★

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काकड़सिंगी 10 ग्राम
करेला चुर्ण 10 ग्राम
अर्जुन की छाल 10 ग्राम
कौंच के बीज 10 ग्राम
गुलाब के फूलों 10 ग्राम
सोंठ 10 ग्राम
असगंध 10 ग्राम
मुलेठी 5 ग्राम
बहेड़ा 5 ग्राम
पिपली 5 ग्राम
पीपल 5 ग्राम
पीपलामूल 5 ग्राम
धनिया 4 ग्राम
अजमोद 5 ग्राम
अनारदाना 50 ग्राम
मिसरी 25 ग्राम
काली मिर्च 5 ग्राम
बंशलोचन 2 ग्राम
दालचीनी 2 ग्राम
लोंग चुर्ण 2 ग्राम
तेजपात  8-10 पत्ते।
सबको पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण प्रतिदिन शहद या बकरी/गाय के दूध से सेवन करें।
***
नोट
साथ में चयवनप्राश 10 ग्राम सुबह-शाम दूध से लें।
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परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
वे आहार जो शरीर को टी.बी. संक्रमण से मुकाबले के लायक बनाते हैं उनमें दूध, फल और सब्जियाँ आते हैं।
स्ट्रॉबेरी पोटैशियम, विटामिन और खनिजों से भरीपूरी होती है, जिनसे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है।
सीताफल टीबी की घरेलु चिकित्सा में प्रयुक्त होता है, जिसमें गूदे को पानी के साथ उबालकर बने आहार को प्रतिदिन लिया जाता है।
टीबी के इलाज में अन्नानास अत्यंत उपयोगी है। दिन में एक बार इसका रस पीने से बलगम बाहर निकल जाता है और ठीक होने में सहायता होती है।
अन्य फल जैसे कि ब्लूबेरी और चेरी तथा हरी पत्तेदार सब्जियाँ के साथ साबुत अनाज, दूध, लीन मीट और पोल्ट्री उत्पाद
संतरे के रस में विटामिन C होता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और शरीर को ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. अन्य लाभकारी रसों में गाजर, टमाटर, गूसबेरी, और अन्नानास आते हैं।
प्रतिदिन सुबह इंडियन गूसबेरी और शहद लेने से ट्यूबरक्लोसिस ठीक करने में सहायता होती है।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, और स्टार्च युक्त सब्जियाँ जिनमें करेला, सहजन, पालक, और ब्रोकोली हैं, शरीर को ट्यूबरक्लोसिस से लड़ने में सहायता करती हैं। ट्यूबरक्लोसिस की चिकित्सा में लौकी सबसे बढ़िया सब्जी है।
विटामिन-B और आयरन से समृद्ध आहार लें, जैसे कि साबुत अनाज (यदि कोई एलर्जी ना हो), गहरे हरे पत्तों वाली (जैसे कि पालक और केल), और समुद्र सब्जियाँ।
प्रोटीन के लिए रेड मीट कम और लीन मीट अधिक लें, ठन्डे पानी की मछली, टोफू (सोया, यदि एलर्जी ना हो), या फलियाँ लें।
★★★
इनसे परहेज करें
कैन में बंद आहार, पाई, पुडिंग, सॉस, कैफीन युक्त पेय, अचार, मसाले और प्रोसेस्ड आहार सख्ती अपनाते हुए बिलकूल बंद करें।
रिफाइंड आहार, जैसे कि सफ़ेद ब्रेड, पास्ता, और शक्कर से परहेज।
कॉफ़ी और अन्य उत्तेजक, शराब और तम्बाकू से परहेज।
ट्रांस-फैटी एसिड को बंद या कम करें, जो कि व्यावसायिक बेकरी उत्पाद जैसे की कूकीज, क्रैकर्स, केक्स, फ्रेंच फ्राइज, ओइनों रिंग्स, डोनट आदि में होता है।
स्वयं को धूम्रपान और मदिरापान से दूर रखें।

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1 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
जी कितने दिन का कोर्स है जी