सिद्ध थाइराइड नाशक योग
नोटः यह प्रचार नही है सेवा है खुद दवा तैयार करे: पूरा नुस्खा लिखा है।
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सेवन विधि -2 ग्रा से 5 ग्राम थाइरायड नाशक चूर्ण दिन में 3 बार दूध के साथ लें। साथ यह भी ले - दिन मे 2 बार दही 200 -200 ग्राम जरूर सेवन करे ।
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साथ यह दवा लेनी होगी।
⏯️ कांचनार गुग्गुलु की 1 गोली
⏯️पुनर्नवा मण्डूर की 1 गोली
▶️ थाइरायड नाशक ड्रॉप्स ( 3-3 ड्राप सुबह शाम)
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इन सब दवाओं की एक खुराक बनाएं ,मात्रा थोडी ज्यादा लगती है किन्तु अतिशीघ्र लाभ करती है ।
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नोटः हम यह सभी दवा ऑनलाइन भेज रहे हैं। आप ऑनलाइन मगवां सकते हैं।
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सुबह और रात को सोते समय 5 बादाम 1 अखरोट सेवन करे । साबित दालें ज्यादा इस्तेमाल करे।
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⏩ थाइराइड को करे जड़ से खत्म
⏩ मोटापा होगा जड़ से खत्म
⏭️ अगर वजन हुआ कम तो होगा समान्य
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⏭️ यह दवा हाइपर थायराइड और हाइपो थायराइड दोनों प्रकार के थायराइड को ठीक करती है
हाइपर थायराइड के लक्षण
वजन कम होना,हार्ट बीट तेज होना,पसीना जादा आना,हाथ और पैरों में कप कपी होना आदि हैं ।
हाइपो थायराइड के लक्षण
वजन बढ़ना,क़ब्ज़ रहना,भूख कम लगना,स्किन रूखी होना,ठंड जादा लगना,आवाज़ में भारीपन आना,आँखो और चेहरे पर सूजन,सिर, गर्दन और जोड़ों में दर्द होना
थाइरायड की आयुर्वेदिक दवा :
सिद्ध थाइरायड नाशक कल्पचूर्ण
कचनार चूर्ण 300 ग्राम
अश्वगंधा. 250 ग्राम
गिलोय चूर्ण. 100 ग्राम
सौंठ 100 ग्राम
मलॅठी चूर्ण. 100 ग्राम
अजवायन. 100 ग्राम
काली मिर्च 50 ग्राम
(काली मिर्च को घी में भून लें )
नसादर. 25 ग्राम
काला जीरा 100 ग्राम
मेथी 100 ग्राम
हेलो 100 ग्रा
सभी को मिलाकर चूर्ण बना लें
सेवन विधि -2 ग्रा से 5 ग्राम दिन में 3 बार
दूध के साथ लें ।
साथ यह भी ले - दिन मे 2 बार दही 200 -200 ग्राम जरूर सेवन करे । सुबह और रात को सोते समय 5 बादाम 1 अखरोट सेवन करे । साबित दालें ज्यादा इस्तेमाल करे,
परहेज -
तली हुई चीजे बिल्कुल इस्तेमाल न करे । मास अंडे प्रयोग न करे यह थाइरायड में जहर समान है ।
साथ मे यह जरूर करे
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1. हल्दी दूध: थायराइड कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पका कर पिए। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।
2. लौकी का जूस: रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।
3. तुलसी और एलोवेरा: दो चम्मच तुलसी के रास में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।
4. लाल प्याज: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।
5. बादाम और अखरोट: बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो थायराइड के इलाज में फायदा करता है। इस के सेवन से गले की सूजन से भी आराम मिलता है। हाइपोथायराइड में ये उपाय जादा फायदा करता है।
6. अश्वगंधा: रात को सोते वक़्त एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।
7 .एक्सरसाइज: रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करे, इससे थाइरोइड बढ़ता नही है और कंट्रोल में रहता है।
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सिद्ध थाइराइड नाशक कल्पचुर्ण
सभी प्रकार के थाइराइड रोग को करे जड़ से खत्म।
सेवन विधि -2 ग्रा से 5 ग्राम दिन में 3 बार दूध के साथ सेवन करे।
थाइराइड को करे जड़ से खत्म -मोटापा होगा जड़ से खत्म ।अगर वजन हुआ कम तो होगा समान्य।
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नोटः यह दवा हाइपर थायराइड और हाइपो थायराइड दोनों प्रकार के थायराइड को ठीक करती है ।
हाइपर थायराइड के लक्षण
वजन कम होना,हार्ट बीट तेज होना,पसीना जादा आना,हाथ और पैरों में कप कपी होना आदि हैं ।
हाइपो थायराइड प्रमुख लक्षण
में थकान, ठंड संवेदनशीलता, कब्ज, शुष्क त्वचा, और अस्पष्टीकृत वज़न बढ़ना शामिल होता है।पूरे शरीर में: ठंड लगना, थकान, और सुस्ती विकास से संबंधित: जवानी के लक्षण आने में देर होना और धीमी वृद्धि
बाल: बालों का गिरना और शुष्कता यह होना भी आम है: अतिवसारक्तता, कब्ज़, गर्भाशय से अनियमित खून निकलना, चिड़चिड़ापन, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, दिल की धीमी धड़कन, नाज़ुक नाखून, बढ़ी हुई थाइरॉइड (गलग्रंथि), यौन अंगों का काम न करना, रूखी त्वचा, और वज़न बढ़ना । यह सभी हाइपो थायराइड के लक्षण हैं।
साथ यह भी सेवन करें - दिन मे 2 बार दही 200 -200 ग्राम जरूर सेवन करे ।
सुबह और रात को सोते समय 5 बादाम 1 अखरोट सेवन करे । साबित दालें ज्यादा इस्तेमाल करे, गऊ मूत्र 50 मिलीलीटर रोजाना सेवन करे ।
थायराइड रोग में खान-पान
थाइराइड 2 प्रकार से जानी जाती है:- ह्यपोथीरोइड और हैपेर्तिरोइड ।इस लिये खान-पान दोनों अलग अलग होगा।
हाइपर थायराइड में खान पान
इसमें थायराइड ग्लैंड सक्रिय नहीं होता, जिससे शरीर में जरूरत के मुताबिक T3, T4 हार्मोन नहीं पहुंच पाता। इसकी वजह से शरीर का वजन अचानक बढ़ जाता है।
सुस्ती महसूस होने लगती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। अनियमित पीरियड, कब्ज की शिकायत, चेहरे और आंखों पर सूजन आ जाता है। यह बीमारी 30 से 60 साल की महिलाओं में अधिक होती है।
हाइपर थायराइड में क्या खायँ
आयोडिन नमक, आयोडिन से भरपूर चीजें, सी फूड, फिश, चिकेन, अंडा, टोंड दूध और उससे बनी चीजें जैसे दही, पनीर, टमाटर, मशरुम, केला, संतरे आदि, फिजिशियन की सलाह पर विटामिन, मिनिरल्स, आयरन सप्लीमेंट्स।
हाइपर थायराइड में क्या नहीं खाएं
सोयाबीन और सोया प्रोडक्ट रेड मीट, पैकेज्ड फूड, ज्यादा क्रीम वाले प्रोडक्ट जैसे केक, पेस्ट्री, स्वीट पोटैटो, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, मूंगफली, बाजरा आदि, फूलगोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, शलगम आदि।
हाइपो थायराइड में खान -पान
इसमें थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाता है। T3, T4 हार्मोन जरुरत से अधिक मात्रा में निकलकर ब्लड में घुलने लगता है। इस हालत में शरीर का वजह एकाएक कम हो जाता है।
मांशपेशियां कमजोर हो जाती है। भूख ज्यादा लगती है, ठीक से नींद नहीं आती, स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। पीडियड्स में अनियमितता, अधिक ब्लीीडिंग की समस्या, गर्भपात का भी खतरा बना रहता है।
हाइपो थायराइड में क्या खाएं
हरी सब्जियां, साबूत अनाज, ब्राउन ब्रेड, ओलिव ऑयल, लेमन, हर्बल और ग्रीन टी, अखरोट, जामुन, स्ट्रॉबेरी, गाजर, हरी मिर्च, शहद।
हाइपो थायराइड क्या नहीं खाए
मैदा से बने प्रोडक्ट जैसे पास्ता, मैगी, व्हाइट ब्रेड, सॉफ्ट ड्रिंक, अल्कोहल, कैफीन, रेड मीट, ज्यादा मीठी चीजें जैसे मिठाई, चॉकलेट।
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