सिद्ध महाशक्ति योग- शुक्राणु विर्द्धि के लिए



           शुक्राणु की पुरुषों में कमी
     बच्चे न होने की एक पीड़ा यह भी है।

 ज्यादातर बच्चे के ना होने का कारण महिलाओं को ही ठहराया जाता है ।

लेकिन इसमें पुरूष भी कम नही है जब पुरूषों में शुक्राणु के बनने के लक्षण कम होते है तो उनमें नपुंसकता बढ़ने लगता है ।

 जिससे बच्चे के पैदा होने में
 दुविधा खड़ी हो जाती है

 सामान्य तौर पर एक स्वस्थ या हेल्दी पुरूष में 15 मिलियन शुक्राणु की कोशिकाओं का होना काफी आवश्यक होता है।

जिसमें स्वस्थ शुक्राणु के इन लक्षणों के अलावा रूप, संरचना और गतिशीलता का होना जरूरी माना जाता है।

और इसकी कमी ही अनहेल्दी शुक्राणु के लक्षणों का होना पाया जाता है। जिसमें मर्द में नपुंसकता और सेक्स करने के इच्छा में कमी होने लगती है और पूरी लाइफ पर इसका असर देखने को मिलता है।

यदि आप थोड़ी सी सतर्कता बरते तो आप अपनी जीवनशैली में कुछ सुधार लाकर शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ा सकते है।

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                       शुक्राणुओं के बारे         
                   कुछ हैरान करने वाले सच

भारत के मर्दो के वीर्य में साल दर साल शुक्राणुओं की कमी देखी जा रही है।  भारत के मर्दो में अब पहले जैसी बात नही रही। शक्राणु के आकर और संरचना में गड़बड़ियां आ रही है। 1978 में एक सेहतमंद व्यक्ति के वीर्य में शुक्राणुओं की गिनती 6 करोड़ प्रति लीटर पाई जाती थी, 2012 में यह गिनती 6 करोड़ से 2 करोड़ हो गयी थी।

इन सालों में भारती मर्द बहुत कमजोर हुआ है।

कारण क्या है।

आयुर्वेद मान्यता है कि

■अवैध नशीली दवाओं का प्रयोग – कोकीन या गांजा जैसे नशीले पदार्थों के सेवन से आपके शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी आ सकती है।

■शराब का सेवन – शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है और शुक्राणु उत्पादन में कमी आ सकती है। (और पढ़ें – टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के घरेलू उपाय)

■धूम्रपान – अन्य व्यक्तियों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।

■तनाव – लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण शुक्राणु पैदा करने वाले कुछ आवश्यक हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं।

■वजन – मोटापे के कारण हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमज़ोर हो सकती है।

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फिर भी चिंता की बात है आयुर्वेद में हर रोग का इलाज  शर्तिया है।

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       ★शुक्राणुओं के लिए आयुर्वेदिक योग★

गिलोय चुर्ण 100 ग्राम
तुसली बीज 100 ग्राम
कौंच के बीज 100 ग्राम (छिलकारहित)
सफ़ेद मूसली 100ग्राम
सतावर 100 ग्राम
बाबुल फली 50 ग्राम
गोखरू 50 ग्राम
विदारीकंद 50 ग्राम
बरगद दूध 50 ग्राम
सालम पंजा 50 ग्राम
सालम मिश्री 50 ग्राम
आवला चुर्ण 50 ग्राम
कबाब (शीतल)चीनी 50 ग्राम
तालमखाना 20 ग्राम
शिलाजीत 50 ग्राम
हत्था जोरी 20 ग्राम
कतीरा गोंद 20 ग्राम
बबूल का गोंद 20 ग्राम
काले तिल।   20 ग्राम

सभी को चुर्ण को 200 ग्राम एलोवेरा रस में मिलाकर धुप में सुखाए।

 सुबह-शाम एक-एक चम्मच चूर्ण मीठे दूध के साथ 60 दिन तक सेवन करें और इसके बाद वीर्य की जाँच करवाकर देख लें कि शुक्राणुओं में क्या वृद्धि हुई है।

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भोजन में निम्न पदार्थों का सेवन शरीर में वीर्य Semen improving को बढ़ाता है:

★मिश्री मिला गाय का दूध
★ गाय का धारोष्ण दूध
★मक्खन, घी
★चावल व दूध की खीर
★ उड़द की दाल
★तुलसी के बीज
★बादाम का हलवा
★मीठा अनार
★प्याज, प्याज का रस घी-शहद के साथ
★ खजूर
★बादाम

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परहेज
1. तेल और तली चीजें, अधिक लाल मिर्च, मसालेदार पदार्थ, इमली, अमचूर, तेज खटाईयां व आचार।

2. प्रयोग काल में घी का उचित सेवन करना चाहिए।

3. पेट की शुध्दि पर भी ध्यान देना चाहिए। कब्ज नही होने देनी चाहिए। कब्ज अधिक रहता हो तो प्रयोग से पहले पेट को हल्के दस्तावर जैसे त्रिफला का चूर्ण एक चमच अथवा दो-तीन छोटी हरड़ का चूर्ण गर्म दूध या गर्म पानी के साथ, सोने से पहले अंतिम वास्तु के रूप में लें।

4. सेवन-काल में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।

5. ओषधि सेवन के आगे-पीछे कम से कम दो घंटे कुछ न खाएं। खाली पेट सेवन से यह मतलब है।


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सावधानी-

इसका उपचार करते समय लगभग 4-5 दिन तक स्त्री के साथ संभोग नहीं करना चाहिए।

रात को सोते समय पानी में किशमिश के 6-7 दाने भिगोकर सुबह नाश्ते के समय पानी के साथ ही खा लें।

काले चनों का सूप बनाकर पिएं और उनको उबालकर खाना भी लाभकारी होता है।

अगर खाना चाहो तो बादाम की 8-10 गिरियों को भी खा सकते हैं।

मन को एकदम गलत विचारों से दूर रखें।

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कोई भी समस्या हो
Call नही sms करें।
Whats 9417862263
 Email~ sidhayurveda1@gmail.com

         

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