एक्जिमा और सोरायसिस की रामबाण दवा *एक्जिमा कल्पचुर्ण*

सिद्ध अयूर्वादिक  
     एक्जिमा और  सोरायसिस
        की रामबाण दवा

         *एक्जिमा कल्पचुर्ण*


त्रिफला 250 ग्राम
अजवाइन 200 ग्राम
गिलोय 200 ग्राम
चरायता 100 ग्राम
सत्यनाशी 100 ग्राम
नीम पंचाग 100 ग्राम
तुलसी पंचाग 100 ग्राम
मिश्री 100 ग्राम
कुटकी 50 ग्राम
बच 50 ग्राम
दारूहल्दी 50 ग्राम
मजीठ 50 ग्राम
नींबू की छाल 50 ग्राम
गंधक 50 ग्राम
काली मिर्च 50 ग्राम
सभी जड़ी बूटियां को पीसकर  300 ग्राम एलोवेरा रस(जो ताजा हो) मिलाकर धूप मे सूखा ले।
जब सुख जाए तो बंद बर्तन रखे।
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सेवन विधि
एक एक चम्मच दिन में 3 बार 50 मिलीलीटर गुमूत्र से ले।
50 मिलीलीटर  गुमूत्र को एक ग्लास पानी मे मिलाकर ले।
यह 90 दिन का कोर्स है।
दवा बीच न छोड़े।

परहेज :–
       (किसी भी चर्म रोग मे ये चीजें छोड़ दे)
              मांस, दूध, दही, लस्सी,
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तेल
(सरसों के तेल को छोड़ कर),
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कुलथी की दाल, उरद(माह) की दाल, सेम, ईख के बने पदार्थ (चीनी, गुड खांड, मिश्री आदि),
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पिट्ठी से बनी वस्तुएं जैसे दहीबड़ा, कचौरी आदि, खटाई जैसे इमली, नींबू, अमचूर, कांजी आदि,
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विरोधी भोजन (जैसे दूध के साथ नमक, खटाई, जामुन आम आदि, घी के ऊपर ठंडा पानी, पानी में शहद आदि
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अध्यशन (पहले खाए हुए भोजन के न पचने पर भी भोजन या कुछ भी ऐसे ही खा लेना)अजीर्ण (अपच) में भोजन, खाना।
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विदाही अर्थात जलन करने वाले भोजन जैसे:-
लाल/हरी मिर्च, राई, अदरक, रायता, शराब/सिरका आदि, अभिष्यन्दी जैसे:- दही, खीर, बर्फी, आइसक्रीम आदि, दिन में सोना और रात में जागना छोड़ दे।
इन परहेजों का सख्ती से पालन करें।
दूध/दही और मीठा बिलकुल भी न खाए।
अन्यथा कितनी ही दवा लेते रहो कोई भी फायदा नहीं होगा।
कई वैद्य नमक बंद कहते हैं परंतु उसकी कोई जरूरत नहीं है।
किसी के कहने पर चने को अधिक न खाए।
चना अधिक खाने से शरीर में खून की कमी हो जाती है।
काली मिर्च का प्रयोग करें।
खटाई के लिए टमाटर, आवंला प्रयोग करें। 
अगर आप इस रोग से पीड़ित हैं और थक चुके है दवाईयां खा-खाकर, और फ़िर भी आपको आराम नहीं मिल रहा तो मजबूर होकर मत जियें।
आयुर्वेद में इसका स्थायी इलाज है।
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