मिर्गी की दवा -सिद्ध अपस्मार कल्पचुर्ण


हिस्टीरिया एक मानसिक समस्या है, जिसके पीछे का मुख्य कारण तनाव तो है ही, साथ ही कोई गंभीर सदमा लगना, अपनी फीलिंग को दबाना, हादसा, दांपत्य जीवन में परेशानी व आर्थिक कारण इस बीमारी की वजह बनती है। यूं तो यह मानसिक समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं।

  • महिलाएं होती अधिक प्रभावित

यूं तो यह मानसिक समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। दरअसल, उम्र के विभिन्न दौर में न सिर्फ स्त्रियों में हार्मोनल बदलाव होते हैं, बल्कि विवाह के बाद नए घर में जाने के बाद या फिर वैवाहिक जीवन में परेशानी के कारण भी महिला इस रोग से ग्रस्त होती है। इसके अतिरिक्त अधिकतर मामलों में देखने में आता है कि महिला अपने मन की बात या परेशानी किसी से शेयर नहीं करती, जिससे मन ही मन उसका तनाव बढ़ने लगता है और फिर वह हिस्टीरिया के रूप में सामने आता है।

हम बता रहे हैं हिस्टीरिया का अयुर्वेदिक इलाज
सिद्ध मिर्ग अयूर्वादिक दवा

सिद्ध अपस्मार कल्पचुर्ण

ब्राह्मी – 100 ग्राम

संखपुष्पी 100 ग्राम

शतावर – 50 ग्राम

विदारीकंद – 50 ग्राम

हरीतकी – 50 ग्राम

उशीर – 50 ग्राम

सोंठ – 50 ग्राम

सौंफ –50 ग्राम

मिश्री – 120 ग्राम

धातकी –50 ग्राम

निर्गुन्डी –5 ग्राम

त्रिवृत – 5 ग्राम

पिप्पली –5 ग्राम

लवंग – 5 ग्राम

वच – 5 ग्राम

कुष्ठ – 5 ग्राम

अश्वगंधा – 5 ग्राम

बहेड़ा – 5 ग्राम

गिलोय – 5 ग्राम

छोटी इलायची – 5ग्राम

विडंग – 5 ग्राम

दालचीनी – 5 ग्राम

स्वर्णपत्र – 5 ग्राम

सभी बारीक कूट कर चुर्ण बनाए।

★★★

सेवन विधि

मिर्गी रोगी को 2 ग्राम (एक चम्मच) थोड़े पानी से दे फिर 1 चम्मच शहद चटाएं।

साथ मे 200 ग्राम बकरी का दूध दे

छोटे बच्चों को आधी खुराक दे

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